
शाम का वक्त आज पूरे दिन वाणी रूम से बाहर नहीं निकली थी रूम से ही नहीं वह तो बेड से भी नहीं उठी थी । या कहे अयांश ने उसे उठने लायक छोड़ा ही नहीं था । उसका बदन दर्द से टूट रहा था लेकिन उससे भी ज्यादा गहरा घाव उसके मन पर हुआ था । अयांश के पेरेंट्स सुरेखा और रूपेश जी आज सुबह जल्दी ही किसी की शादी अटेंड करने चले गए थे । और वो अब कल सुबह ही आने वाले थे ।
कुछ देर बाद अयांश रूम में आया वाणी को बेड पर देख वह रुक कर उसे देखने लगा । लेकिन वाणी अपने में ही खोई हुई थी इसलिए उसे पता ही नहीं चला कि अयांश आ चुका है ।

Write a comment ...