सुबह का वक्त
कमरा जो रात को दुल्हन की तरह सजा हुआ था अब भी बिल्कुल वैसा ही लग रहा था अगर बेड और नीचे फर्श पर पड़े कपड़ो को छोड़ दिया जाए तो ।
बेड पर इस वक्त वह लड़की सो रही थी या कहे बेहोश थी क्योंकि वह अजीब और बिना किसी फिक्र के बेड पर लेटी थी जबकि उसकी बॉडी पर इस वक्त कोई भी कपड़ा नहीं था । उसकी बिना कपड़े की बॉडी पर इस वक्त काटने और नाखूनों से खरोचने के ताजा निशान थे । उसका चेहरा जो आंसुओं के निशान से भरा था देख किसी को भी उस पर दया आ जाए । सच में वह बिलकुल किसी डॉल की तरह थी नाजुक और इनोसेंट लेकिन उसके राक्षस और निर्दयी पति ने उस पर बिलकुल भी रहम नहीं किया ।
करीब एक घंटे बाद उसकी बॉडी में मूवमेंट हुई और लगभग जबरदस्ती से उसने अपनी आंखें खोली । कुछ देर तक वह बस अपनी लाल आँखें खोल लेटी रही शायद कुछ समझने की कोशिश कर रही थी फिर अचानक उसे रात की सारी चीजें याद आने लगी । कल उसकी शादी होना और फिर उसकी सास का उसे इस रूम में छोड़ कर जाना उसके बाद उसके पति का आना और उसे छुना लेकिन ये उसके लिये बेहद दर्दनाक था । कितना दर्द हुआ था उसे वह चिल्ला रही थी फिर भी उसके पति को उस पर जरा भी दया नहीं आई । वह बस लगातार उसकी बॉडी को काट रहा था नोच रहा था ।
ये याद आते ही उस लड़की की लाल आंखों से एक बार फिर आंसू बह निकले । उसने उठने की कोशिश की लेकिन दर्द की लहर उसकी पूरी बॉडी मे दौड़ पड़ी जिससे वह निढाल होकर बेड पर लेट गई । अपनी हालत पर उसे रोना और गुस्सा दोनों आ रहा था । दर्द इतना ज्यादा था कि सांस लेने पर भी दर्द का एहसास हो रहा था । लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद आखिर कार वह उठ कर बैठ ही गई । अपनी बॉडी और खुद की ऐसी हालत देख वह जोर जोर से रोना चाहती थी चिल्लाना चाहती थी लेकिन ये अंजान जगह थी वह ऐसा नहीं कर सकती थी घर से ही उसे समझा कर भेजा गया था कि चुप चाप हर दर्द और तानो को सहना है ।
उसने ब्लैंकेट खींच कर अपनी बॉडी कवर कर ली । लेकिन तभी उसकी नजर बेड के किनारे बैठी छिपकली पर पड़ी ये उसके लिए काफी डरावनी थी । और इस बार वह खुद को चीखने से रोक नहीं पाई । और चीखते हुए जल्दबाजी में बेड से नीचे उतरी लेकिन जैसे ही उसने अपने पैर फर्श पर रखे धड़ाम से ब्लैंकेट सहित ही गिर पड़ी ।
तभी बालकनी का डोर ओपन हुआ और अयांश टॉवेल में अंदर आया । हालांकि उसके हाथ मे सिगरेट थी और मुंह से धुआं छोड़ते हुए वह बेड की तरफ आ रहा था । वह लड़की आंसू भरी आंखो से उसे देखने लगी उसे लगा अयांश उसका पति उसके पास ही आ रहा था । उसने ब्लैंकेट पर अपनी पकड़ मजबूत की और जैसे ही उसे अपना डर बताने के लिये अपना मुंह खोलने ही वाली थी कि तभी अयांश उसे क्रॉस कर बेड के कोने के पास जा कर छिपकली को अपने हाथ मे लेता है ।
–" व्हाट happened डार्लिंग , डरी तो नहीं ना तुम हुन् " और
तुम थोड़ी धीरे नहीं बोल सकती डरा दिया न डार्लिंग को " उसने पहले फिक्र से उस छिपकली और फिर थोड़े गुस्से से उस लड़की यानी अपनी पत्नी को देखते हुए कहा ।
वह लड़की जैसे हक्की बक्की रह गई । उसे एक पल को तो समझ ही नहीं आया कि आखिर ये हुआ क्या । उसका नया पति उसकी फिक्र छोड़ एक छिपकली के लिए न सिर्फ फिक्र कर रहा था बल्कि वह दर्द और डर से चिल्लाई उसके लिए उसे डांट भी रहा था वो भी सिर्फ इसलिए की वह छिपकली डर तो नहीं गई ।
–" म...... मैने कुछ नहीं.........."
–" shhhhhhhhh चुप बिलकुल चुप दिख रहा है ना मैं अपनी डार्लिंग से बात कर रहा हु तो बीच में क्यों बोल रही हो " लड़की ने जैसे ही बोलने की कोशिश की अयांश ने उसे अपनी उंगली दिखा चुप हो जाने को कहा । उसने ये भी नहीं देखा कि उस कोमल और कमजोर सी आवाज में इस वक्त कितना दर्द और डर था ।
अयांश का बिहेवियर लड़की के लिए चौकाने वाला था । जिसे देख उसकी आंखों से अपने आप ही आंसू बहते जा रहे थे लेकिन अयांश को तो वो दिखाई ही नहीं दे रहे थे ।
–" हां जल्दी रेडी हो मोम दो बार बुला चुकी है पता नहीं क्या सोच कर उन्हें तुम पसंद आई थी जल्दी रूम से निकलो मेरी डार्लिंग डर रही है उठो " अयांश ने कई बार उसे देखते हुए सख्ती और थोड़े ताने देने के अंदाज में कहा जैसे वह उसे बस अपने कमरे से बाहर निकलना चाहता हो ।
वह लड़की बहुत ज्यादा हैरान थी इतनी की इस वक्त उसे दर्द भी महसूस नहीं हो रहा था । उसे अभी भी हैरानी से खुद को देखते हुए देख और बेड से ना उठते हुए देख अयांश ने उसकी एक बाह पकड़ी और जबरदस्ती से उसे बेड से नीचे उतार कर खड़ा कर दिया वह लड़की संभाल नहीं पाई और जमीन पर ही गिर पड़ी ।
–" आह्" उसके शरीर में जैसे दर्द का शैलाब उमड़ पड़ा । पैर तो जैसे सुन थे ।
अब उसके हाथों से ब्लैंकेट छूट चुका था और उसकी अपर बॉडी अयांश के सामने थी । अयांश की नजरें जो पहले सख्त थी अब उनमें लस्ट नजर आने लगा । वह उसके पास आ एक घुटना फर्श पर टिका बैठ गया । लड़की जो खुद को संभालने की कोशिश कर रही थी अयांश को देख डर गई हालांकि वह उससे कम लेकिन उसके हाथ में अभी भी मौजूद छिपकली से डरी थी ।
अयांश ने अपना दूसरा हाथ उसकी गर्दन से लेकर पेट तक फिराया । लड़की को ये सब बहुत गंदा लग रहा था लेकिन दर्द के कारण वह ना उठ सकती थी और ना ही डर के कारण उसे छूने से मना कर सकती थी । लाचारी से उसने अपनी आँखें बंद कर ली जिससे आंसू तेजी से उसके गालों से टपक पड़े । लेकिन अयांश को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था अच्छी तरह से अपनी हसरत पूरी करने के बाद –" अब यह सब ड्राम बंद करो और जल्दी अपना हुलिया ठीक करके बाहर निकलो " अयांश ने अपनी आई रोल करते हुए कहा तभी उसकी नजर बेड पर लगे लाल धब्बों पर पड़ी लेकिन उसने बिना भाव के उन्हें देखा जैसे ये कोई बड़ी बात नहीं थी ।
वह उसे बिना देखे छिपकली को अपने साथ लेकर क्लोसेट रूम में चला गया ।
वह लड़की जो अब तक उसे देख रही थी उसे अचानक ही रोना आ गया । उसने आवाज को रोकने के लिए अपने मुंह पर हाथ रख लिया लेकिन फिर भी वह खुद को और रोक नहीं पा रही थी दो तीन बार कोशिश करने के बाद आखिर कार वह मुश्किल से खड़ी हुई और चादर को खुद पर लपेटे ही बाथरूम में चली आई ।
मिरर के सामने उसने खुद पर से चादर हटाई और खुद के अक्ष को देखा ।
उसका बेदाग और गोरा शरीर आज लाल और नीले निशानों से भरा था । ऐसा लग रहा था जैसे चांद पर एक नहीं बल्कि दागो की बौछार कर दी हो ।
–" वाणी बेटा तुम उठ गई हो तो प्लीज जल्दी रेडी होकर बाहर आओ " वह लड़की चुप चाप खुद को देख रही थी कि तभी उसे बाहर से किसी औरत की आवाज आई । आवाज़ सुन उसे होश आया और वह नहाने लगी सच में उसे तो इतना भी वक्त नहीं मिला कि वह अपने दर्द को महसूस भी कर सके ।
कुछ देर में वह लड़की यानि कि वाणी तैयार हो गई उसने लाल रंग की भारी और बड़े बोर्डर वाली साड़ी पहनी थी साथ में नई दुल्हन के द्वारा किया जाने वाला शृंगार । लेकिन उसके चेहरे की उदासी और सुजी आंखे रात में उसके साथ हुई बेदर्दी की गवाही दे रही थी ।
वह अपने शरीर में हो रहे दर्द को सहते हुए नीचे आई ।
–" ये देखिए ये रही हमारी बहु , बहुत ढूंढने के बाद मिली है ऐसी बहु " एक अधेड़ उम्र की औरत ने कहा जो काफी अच्छे तरीके से तैयार हो रखी थी । तब तक वाणी उनके पास आई और उनके पांव छुए । उसकी खूबसूरती और संस्कार देख कर बाकी औरते उस औरत की तारीफ करने लगी कि कितनी अच्छी बहु ढूंढी है । अपनी तारीफ सुन कर वह औरत इतराने लगी ।
वाणी को वहां काफी अजीब लग रहा था लेकिन अब वह यहां से कहीं और जा भी तो नहीं सकती थी ।
–" सुरेखा वैसे विश कहां है दिखाई नहीं दे रही " एक औरत ने उस ने उस पहले वाली औरत यानी कि वाणी की सास से पूछा ।
–" तुम तो जानती हो वह अपने काम को लेकर कैसी है बस शादी के टाइम उसने लीव ली
थी उसके बाद वह बैंगलोर मीटिंग के लिए चली गई " सुरेखा ने जवाब दिया ।

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